सामंती-राजशाही शासनों के बाद, अंग्रेजी अत्याचारी शासन के बाद से अब हम कोई 70 साल से स्वतंत्र हैं, बावज़ूद, आजादी का मीठा स्वाद हम ठीक से नहीं चख पाए हैं। आजादी के खोये-पाए का एक हिसाब या कि जाएजा हम यहाँ ले रहे हैं। जाहिर है, मेरी, आपकी, सबकी आजादी है, आजादी पर हर एक स्वतंत्र एवं लोकतंत्र में खड़े नागरिक का हक है। तो आइये, मिलकर मूल्यांकन करते हैं अपनी आजादी का!