लोकसंस्कृति का नया अध्याय

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लोक नृत्य और लोक संगीत पूरे भारत को विरासत में मिली सम्पदाएँ हैं. पर उत्तर प्रदेश , विशेषकर पूर्वी उत्तर प्रदेश की मिट्टी से हर मौसम में , जीवन के हर क्रिया कलाप के साथ , लोकगीतों की जो सोंधी सोंधी सुगंध आती थी वह अब पता नहीं कहाँ लुप्त हो गयी है. शादी ब्याह जैसे मांगलिक अवसरों पर गाये जाने वाले बन्ना बन्नी , परिवार में नवजात शिशु का स्वागत करने वाले सोहर जैसे गीत भावभीनी प्रसन्नता और उल्लास का जो वातावरण बनाते थे वह अब कल्पनातीत होता जा रहा है.