बेटी घलो संतान हे आखिर बेटी घलो संतान हे आखिर। उहू बिधि के बिधान हे आखिर।। नइ उपजय कोनो भिंभोरा ले । कोखे ले सरी जहान हे आखिर।। घर नइ जोड़य इन सिरिफ बिहा। नारी म नता खदान हे आखिर।। बेटे म जग चलही का बानी हे। बेटियो के गुन जान हे आखिर।। दाई बाई बहिन बेटी एक। बइरी काबर संतान हे आखिर।। बेटी लछमी जलधार सहीन । दू दिन के मेहमान हे आखिर।। कौड़ी घलो जादा हे मोल बोल हाँस के कौड़ी घलो जादा हे मोल बोल हाँस के। एकलउता चारा हे मनखे के फाँस के।। टोर देथे सीत