दाल-बाटी-चूरमा, रजाई वाला सूरमा

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लोगों को इस समय सब कुछ मुल्तवी कर रजाई पर फोकस करना चाहिए। सस्ताई का ध्यान छोड़ पुरजोर तरीके से रजाई की मांग करनी चाहिए। जरूरत पड़े तो एक रजाई संघ भी बनाया जा सकता है। जिसका काम रजाई विहीन लोगों को चिन्हित करना, उनकी मांगों को उचित मंचों पर उठाना और उन्हें रजाई सम्पन्न बनाना हो सकता है। हालांकि अंदेशा यह भी है कि ऐसे संघ को रजाइयां प्राप्त होते ही वे उसमें घुस जाएंगे और गर्माहट हासिल होते ही अपनी मांगों की धार खो देंगे।