कायदे से तो ऐसे मौसम में नहाने के लिए मजबूर करने वालों पर गैरइरादतन हत्या का केस चलना चाहिए। यहां हत्यारों तक के मानवाधिकार सुरक्षित हैं, मगर बाथरूम में अपने मानवाधिकारों से हाथ धोते बंदे के समर्थन में किधर से भी कैंडल मार्च नहीं निकलता।