Kiran Didi Ki Salah

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किरन दीदी की सलाह एक थी बिमला। उम्र लगभग 45 के आसपास। सुबह घर का काम करने के बाद पड़ौसनों के पास चौकड़ी जमा लेती थी। सुबह से लेकर शाम तक चुगली करती रहती। गांव का ऐसा कोई घर नहीं था जिसकी उस चौकड़ी में चुगली नहीं होती। हर दिन किसी न किसी का नम्बर आता था। बिमला की इस चौकड़ी में शामिल थी— ममता, लक्ष्मी, तुलसी और वंदना। वंदना नई नई आयी थी। बाकी सब से वंदना का स्वभाव थोड़ा सा अलग था। वो कम बोलती और बिना कारण किसी की बुराई भी नहीं करती। इसलिये बिमला का वंदना