दूल्हे बने, घोड़ी चढ़े

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उसके बाद तो तुम किसी अदालत में फरियाद लगाने लायक भी नहीं बचे कि मी लॉर्ड, इन नाचने वालों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए! यही वे लोग हैं, जिन्होंने षड्यंत्रपूर्वक मुझे अपनी नृत्य विधा से इस कदर सम्मोहित कर दिया कि घोड़ी चढऩे के बाद का मुझे कुछ भी याद नहीं रहा और जब चेतना लौटी तो खुद को कोल्हू के बैल के रूप में जिम्मेदारियों का भार खींचते पाया। उस एक विवेक भरे क्षण में, मुझे गुमराह करने के ये तमाम लोग दोषी हैं।