भारत-पाकिस्तान के बीच किरकिट (क्रिकेट) मैच हो रहा हो, तो गांवों में भी मैच देखने का उत्साह चरम पर होता है। तब पिद्दी भर के नाक-थुक चुआने वाले बच्चे भी सुनील गावस्कर, कपिल देव और सौरब गांगुली से भी बड़े कमेंट्रेटर हो जाते हैं। गांव भर के बच्चे, मर्द और औरतें किसी घर में मैच देखने जमा हुए हों, तो मछली बाजार बना देते हैं उस घर को। और फिर मैच चरम पर हो, सबकी धड़कनें हर बाल की गति पर उठती-गिरती हों और उसी दौरान बत्ती गुल हो जाए यानी लाइट चली जाए, तो फिर..? इन सभी स्थितियों को लेकर ही इस व्यंग्य की रचना हुई है। गंवई अंदाज में लिखा गया यह व्यंग्य आपको आनंद जरूर देगा।