एक सफर हो सपनों का

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एक  सफर हो  सपनों का --- लेखक: विजय शर्मा एरी---प्रस्तावनाज़िंदगी हर किसी को एक कहानी देती है। कुछ लोग हालातों से हार मानकर वहीँ ठहर जाते हैं और कुछ अपने सपनों को पंख लगाकर उन्हें आसमान तक उड़ाते हैं। यह कहानी अर्जुन की है, जो एक छोटे से कस्बे से बड़े-बड़े सपनों को देखने की हिम्मत करता है और अपने संघर्ष से उन्हें सच भी कर दिखाता है।---अध्याय 1 – मासूम ख्वाबअर्जुन पंजाब के एक छोटे कस्बे में पैदा हुआ। मिट्टी की खुशबू, खेतों की हरियाली और छोटी-सी दुनिया में पले-बढ़े अर्जुन की आँखों में हमेशा एक चमक रहती थी।वह अकसर गाँव