शिजिन छोटे छोटे सीढ़ियों पर धीरे धीरे एक एक कदम रख रहा था। नीचे जाने के बाद उसके रोंगटे खड़े होने लगे। जीतना बड़ा हॉल ऊपर था उतना ही आलीशान नीचे का हॉल था। एक ही बड़ी सी लाइट बल्ब जल रही थी। बीच हॉल में एक बड़ी सी टेबल रखी हुई थी। दीवारों से सटे अलमारियां एक कतार में लगे थे। शिज़िन वहां जा कर बीच हॉल में खड़ा हुआ और चारों तरह एक पैनी नज़र दौड़ाई, उसने जा कर एक अलमारी को खोला तो दिमाग की बत्ती जैसे गुल हो गई, हैरत और ताज्जुब से आंखें फाड़ फाड़