मेरा शहर मेरे लोग

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_____________________ अपने शहर पर मुझे गर्व होता है। बेहद शांतिप्रिय, इतना की यहां के पुलिसवालों को खर्चा और मंथली टारगेट के लिए घरेलू पति पत्नी के झगड़े, ट्रैफिक के हेलमेट, सीट बेल्ट के चालान आदि से गुजारा करना पड़ता है।     ....हमारे बुलंद आवाज और बहादुर स्वभाव के निडर अऊआ तक यह अनुभव से मुझे बता गए कि मुश्किल वक्त में कोई खड़ा नहीं होता। पानी सदाबहार यहां दो दिन में एक बार वह भी तीस मिनिट के लिए आता है। पीने का पानी बाल्टियों, स्टील की टंकियों और मटके में भरते उनकी उम्र बीती।और अब मेरे कंधों पर