स्वयंवधू - 34

बस बहुत हो गया!उसने उसे अपने खजाने की तरह अपनी बांहों में थाम रखा था।शांत होने के बाद, "क्या आपको दर्द नामक चीज़ की कोई जानकारी है? , उसने उसे डाँटा, "अब और मत हिलना।",वह व्यंग्यात्मक हँसी हँस, "यह कुछ भी नहीं है। मैं एक दशक से भी अधिक समय से इस दर्द के साथ जी रहा हूँ।",उसने मुँह बनाया फिर डाँटते हुए कहा, "इसका धन्यवाद, अब आपका घाव लगभग असाध्य है। यदि मुझमें बीमारी या कम-से-कम घावों को ठीक करने की क्षमता होती तो यह काफी रहता।", उसने थोड़ी देर रुककर उसकी ढीली पट्टियों को ठीक करते हुए पूछा,