"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( पार्ट -३६)ज्योति जी,जो ऐन जी ओ की हेड है,वह शुभम को मदद करने के लिए अस्पताल आती है।डॉक्टर शुभम और ज्योति बातचीत करते हैं।अब आगे ज्योति:-'ओह... मुझे आपसे पूछते हुए दुख हो रहा है, लेकिन आपसे ही सच पता चल सकेगा। मेरी आपसे सहानुभूति है।मुझे भी कितना दुख हुआ होगा जब युक्ति की मृत्यु की खबर सुनी थी।फिर तुमने बच्चों का पालन-पोषण कैसे किया? इतने सालों तक अकेले रहकर माता-पिता का प्यार दिया।'डॉक्टर शुभम:-'भगवान की दया से मैंने एक फुलटाइम दाई और नर्स रख ली थी। अब बच्चे भी जवान हो गए हैं। समय-समय