गाँव और शहर के दरमियान फर्क

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मैं जब भी रिश्तेदार के वहाँ खाने जाता हूं, तो बहुत दिलचस्प बातें सुनने मिलती है।अब जब मैं मेरे फूफीजी के घर डिनर की दावत खाने गया था, वहाँ पर चूंकि गाँववाले लोग है।सो उनकी बातें भी थोड़ी सी पिछड़ी होती है।मिसाल के तौर पर जब बातें हो रही थी, तब अमियाने कहा,"मेरे ससुरालवाले खाने में काफी तेज़ है। जब मेरे सोहर खाने बैठते है, तब रोटी के चार बड़े टुकड़े कर देते है। फिर एक रोटी सिर्फ 1 मिनटमें कहाँ खत्म कर देते है, पता ही नही चलता।"(अमिया फूफी की लड़की का नाम है।)उसके बाद मुझे कहते है, "तुम