नव वर्ष -2025 भाग-1 ब्रह्मांड का प्रत्येक प्राणी रात्रि को निद्रा अवस्था मे वह अभ्यास करता है जिसमें उंसे निश्चित जाना है अर्थात चिरनिद्रा का निरंतर अभ्यास ही प्रत्येक चेतनायुक्त प्राणि की निद्रा है एव प्रत्येक सूर्योदय नव सूर्योदय जीवन का जन्म शुभारम्भ है बहुत स्प्ष्ट है कि जीवन का अस्तित्व पराक्रम काल सूर्योदय से संध्या तक ही है रात्रि के अंधकार में प्राणि जीवन प्रलय के महा अंधकार की महायात्रा का अभ्यास ही करता है जहां प्रति सूर्योदय ही जीवन का प्रादुर्भाव है वहाँ भविष्य की गणना का आधार भी विशुद्ध वैज्ञानिक एव अर्थ पूर्ण परिणाम परक ही होगा।नव कलेंडर