"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( पार्ट -३३)डॉक्टर शुभम का ध्यान अपने दरवाजे पर मौजूद व्यक्ति पर था.वह एक अस्पताल कर्मचारी था.रूपा बात कर रही थी लेकिन शुभम रूपा की बात नहीं सुन रहा था।डॉक्टर शुभम ने मोबाइल साइड में रखा और दरवाजा खोलने चले गये.लेकिन रूपा अपनी बात कहती रही.रूपा:-'शुभम, उसका नाम दिव्या है। मैं प्यार से इसे दिवु कहता हूं. वह हम दोनों की बेटी है। वह प्रांजल से एक साल छोटी हो सकती है।'लेकिन डॉ. शुभम् ने यह बात नहीं सुनी।डॉक्टर शुभम ने दरवाज़ा खोला और कर्मचारी ने कहा:- 'सर, कुछ महिलाएँ आपसे मिलने आई हैं,