कॉलेज का वह कमरा छात्रों से भरा हुआ था। हर कोई अपनी परीक्षा में डूबा हुआ था, और मैं, एक पर्यवेक्षक की भूमिका में, चुपचाप उनके प्रयासों का साक्षी बनी हुई थी। मेरे सामने बैठे एक छात्र ने मेरा ध्यान अपनी ओर खींचा। उसकी कलम बिना रुके चल रही थी। उसके चेहरे पर गहरी तल्लीनता थी, और उसकी आंखों में मेहनत की सच्चाई झलक रही थी।उसकी लगन को देखकर मैं अपने अतीत में खो गई। मुझे अपने कॉलेज के दिन याद आ गए। हमारे समय में पढ़ाई का अर्थ था संघर्ष। एक साधारण डिग्री के लिए हमें दिन-रात मेहनत करनी