रिश्तों की कहानी ( पार्ट -१)

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"रिश्तों की कहानी"( पार्ट -१)अजी सुनते हो?हां बोलो रितिका की अम्मा तुम तो मेरी बातें सुनते नहीं हो। सुना अनसुना कर देते हो।हां बोलो, क्या कहने वाली हो।हमारी रितिका बड़ी हो गई है।हां, मुझे मालूम है।तो उसके लिए अच्छा लड़का ढूंढो। लड़के हाथ से निकल रहें हैं। सब विदेश के चक्कर में रहते हैं।हां ठीक है। अब मुझे अखबार पढ़ने दो।अखबार में होता है क्या? राजकीय बातें, गुनाह खोरी और भ्रष्टाचार की बातें। मेरी बातें ठीक से सुनो।ठीक है ठीक है। अखबार लातें है तो पढ़ना पड़ेगा। तुम तो कहती थी कि पढ़ने से ज्ञान बढ़ता है।हां, अब मेरे ज्ञान की