भाग 2: खतरे की दस्तकगौरवनगर – रात के 11 बजेशहर का माहौल ऐसा था जैसे कोई बड़ा तूफान आने वाला हो। सड़कों पर सन्नाटा था, लेकिन हर गली और चौराहे पर तानाशाह की सेना तैनात थी। हर घर पर नजर रखी जा रही थी। इसी बीच, पियाली और आर्यन ने गुप्त ठिकाने पर बैठक बुलाई थी। उनके पास समय कम था, लेकिन योजनाएँ बड़ी थीं।---पियाली और आर्यन की बैठक“हम जो कर रहे हैं, वह जान की बाजी लगाने जैसा है,” आर्यन ने कहा।“यह लड़ाई आसान नहीं है। तानाशाह के पास ताकत भी है और हर कोने में उसके जासूस भी।