मनस्वी - भाग 5

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अनुच्छेद-पाँच                                 देर करने की आदत छोड़ो भगवान जी !           आपात कक्ष का दरवाजा खुला है। सफाई कर्मचारी कमरे की फर्श पर पोंछा लगा चुके हैं। वातावरण में दवाइयों की गन्ध। मनु अभी सो रही है। उसकी माँ जल्दी-जल्दी स्नान कर तैयार हो गई है। एक बार मनु को झाँकती है। वह अभी सो रही है। इसीलिए माँ भी थोड़ी निश्चिन्त है। मनु के पापा दो कप चाय लेकर आते हैं। एक मनु की माँ को देते हैं एक स्वयं धीरे-धीरे पीते