गायत्री जी से हमें पता चलता है कि किस तरह से वर्धा ने उसकी पत्नी और बेटी को शराब के नशे में एक कमरे में बंद कर दिया था और न जाने किस तरह से वहां पर आग लग गई और वहां दोनों की मौत हो गई। गायत्री जी का कहना था कि यह सब वर्धा ने वह सब कुछ जानबूझकर किया था वही वर्धा का कहना था कि वह सब कुछ एक हादसा था। तभी वर्धा को हार्ट अटैक आ गया और वहां दूसरी तरफ पार्वती अपने परिवार वालों से मिलकर नागेंद्र को किस तरह से काबू में लाना