सपनों की राख एक ऐसी मार्मिक कहानी है, जो अंजलि की टूटे सपनों और समाज की रूढ़िवादी सोच के बीच के संघर्ष को उजागर करती है। यह कहानी न केवल एक लड़की की आवाज़ है, बल्कि उन लाखों बेटियों की दास्तान है, जिनके सपने परंपराओं और सामाजिक दबावों की बलि चढ़ जाते हैं। क्या बेटियों को भी अपने सपनों को पूरा करने का हक मिलेगा, या वे हमेशा बेड़ियों में जकड़ी रहेंगी? ### **सपनों की राख** गांव के शांत से कोने में एक छोटा सा घर था, जहां अंजलि अपनी दो छोटी बहनों और माता-पिता के साथ रहती थी।