अध्याय 32 “अभी कुछ दिन पहले एक तेलुगु पिक्चर में मैंने देखा। एक हीरो उड़ने वाले हेलीकॉप्टर को ही, लोहे की जंजीर को फेंक कर उसे नीचे गिरा देता है। सभी लोग कान में फूल रखें तो यह लोग फूलों के हार को ही रख लेते हैं।” कुमार आराम से बात करते हुए कार को चल रहा था उसे धनंजयन ने घूर कर देखा। “क्यों रे मेरी बातें ‘डिस करेजिंग’ है क्या?” “फिर…यह सिनेमा के बारे में बात करने का समय है?” “मुझे लगा तो मैंने बोला। मैंने जो बोला उसमें क्या गलती है?” “अबे, चुपचाप मुंह बंद कर