जंगल (15) -------------कोट की तारीख़ अगले महीने की बीस डली थी, अक्टूबर का महीना था, हल्की बरसात.... पहाड़ो की उच्ची कतारे... कुछ गिरा हो जैसे कार पे... रुकी एक दम से, बर्फ पड़नी शुरू थी... शिमले का चित्र था, सड़को पर चरवाहा बकरिओ को चार रहा था। नीचे खायी थी भरपूर मात्रा मे... गहरी इतनी... पूछो मत।वही गाड़ी रोक कर उची पहाड़ी को देखने लगा था, कभी बहुत मन खिलता था, आज नहीं, पता नहीं कया हो गया