मन के गहरे घाव कभी नहीं भरते

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किसान और नाग  एक गरीब ब्राह्मण अपने खेत में बहुत मेहनत करता था। एक दिन वह थककर एक पेड़ के नीचे आराम कर रहा था। तभी उसे एक बिल के अंदर से एक नाग निकलता दिखाई दिया।ब्राह्मण ने सोचा, “मुझे इस नाग की रोज पूजा करनी चाहिए। इसकी कृपा से शायद मेरे खेतों में अच्छी फसल होने लगे।”उस शाम उसने उस नाग को दूध अर्पित किया और कहा, “खेतों के रक्षक, मैं आपको यह दूध अर्पित कर रहा हूं। कृपया आप मुझ पर अपनी कृपा रखें।”अगली सुबह जब ब्राह्मण आया तो उसने दूध के कटोरे में एक सोने का सिक्का