माया ने उन कागजो को पढ़ा था।फिर बोली,"तुंमने तो जिंदगी भर साथ निभाने का वादा किया था।""हैं""फिर अब क्या हो गया जो मुझसे पीछा छुड़ाना चाहते हो।""तुम्हारे साथ जो हुआ उसे लोग जान चुके हैं।मुझसे लोग तरह तरह के सवाल पूछते हैं।समाज मे जीने के लिए जरूरी है कि कोई दाग न हो,"अनुराग बोला,"राम ने तो केवल एक आदमी के आरोप लगाने पर सीता को त्याग दिया था।और तुम तो पूरी तरह अपवित्र हो चुकी हो।""मुझे तलाक देकर दूसरी तो लाओगे"अभी मेरी उम्र ही क्या है"खुदा न खास्ता दूसरी के साथ भी ऐसा हुआ तो उसे भी त्याग दोगेमाया की