अब आगे अंश की ज़िंदगी जैसे दो राहों पर खड़ी थी – एक तरफ उसकी बहन हर्षिता की टेंशन थी, और दूसरी तरफ सिया, जिसके खयाल ने उसे बेचैन कर रखा था। उसने अपनी फीलिंग्स से लड़ने की कोशिश की, पर सिया का मासूम चेहरा उसे चैन से सोने नहीं दे रहा था। उस लड़की में कुछ तो था, जो उसकी दुनिया को हिला रहा था।दूसरी ओर, राघव और करण अपने मिशन पर थे। राघव का इरादा था कि अंश को उसकी बहन के जरिए तकलीफ दी जाए। उसने करण को हर्षिता के कॉलेज और घर के आस-पास नज़र रखने के