बेजुबान - 5

पढ़ लेती,"वह बोला ,"मा का है"किसी दूसरे के नाम की चिट्ठी नही पढ़नी चाहिए।"उसकी बात सुनकर वह बोली थी"तुम मुझे दूसरा समझती होनही तोफिर तुम यह क्यो कह रही होगलती हो गयी"शबनम कान पकड़कर माफी मांगते हुए बोली थी।जानती हो मा ने क्या लिखा हैनहीशबनम ने गर्दन हिला कर ना कहा थामुझे गांव गए काफी दिन हो गए हैं।इसलिए मैं ने बुलाया है"वह पत्र शबनम को देते हुए बोलालो तुम खुद ही पढ़ लोशबनम ने पत्र लेकर पढ़ा था।पत्र पढ़कर वह पति की तरफ देखने लगी।"तुम्हे भी साथ चलना है,"वह बोला,"सास से तो मिलना पड़ेगा।आखिर बिना पूछे शादी कर ली