प्रेम की परिभाषा : कृष्ण और राधा

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*_प्रेम की परिभाषा : कृष्ण और राधा_* पहली बार जब राधा आई,गोकुल अपने पिता के संग ।नजर उनकी पड़ी कान्हा पर,ओखल से बंधे थे जिनके अंग ।प्रथम मिलन में हो गई वो मोहित, कृष्ण की उस मासूमियत पर ।कृष्ण भी भाव विभोर हो गए,पहली बार राधा को देख कर ।शुरूआत हुई यहां से इनके,धरती पर प्रेम लीला की ।अब क्या ही करूं वर्णन मैं,श्री कृष्ण के महिमा की ।वो सदा ही एक साथ खेलना उनका,और राधा को छेड़ते रहना कृष्ण का ।चिढ़ कर रूठ जाना राधे का,और फिर उन्हें मनाना कृष्ण का ।जब बांसुरी बजाए कान्हा तो,दौड़ी चली आना राधा का ।वो