खण्ड काव्य बेटी का यथार्थ राम गोपाल भावुक वेदराम राम प्रजापति मनमस्त का खण्ड काव्य बेटी वर्तमान परिवेश में प्रासंगिक विषय पर लिखा खण्ड काव्य है। माँ के आँचल की छाँव में पलता, बढ़ता बचपन जो कल की नई नई लालसायें लिये धरती पर आने को मचल रहा हैं। हमारा समज उसे घरती पर आने से रोकना चाहता है। वह हम सब से क्या कहना चाहता है? इस काव्य संकलन के माध्यम से उसने अपनी पीड़ा हम सब के समक्ष उड़ेली है। उसकी पीड़ा को हम कितना महसूस का पाये हैं, इसके लिए हम इस बेटी संकलन पर