सपना देखने लगा।माया को अपनी पत्नी बनाने का।उसे अपना जजजीवन साथी बनाने का।उसकी चाहत एक तरफा थी।माया के दिल मे क्या है।वह उसे चाहती है या नही।उससे प्यार करती है या नही वह नही जानता था।यह तभी उसे पता चक सकता था जब वह उसके मन को टटोले।और वह कई दिनों तक इस पर विचार करता रहा।मन मे प्रश्न उठता।उससे कहे या नही।सीधी तरह से अपने प्यार का इजहार करे या पहले उसके मन को टटोले।कोई निर्णय नही कर पा रहा था।कुछ दिनों के सोच विचार के बाद उसने अपनी बात कहने का फैसला तो किया पर दूसरी तरह सेएक