सैनिक

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राजस्थान के छोटे से गाँव में जन्मे अर्जुन सिंह को बचपन से ही वीरता और साहस के किस्से सुनने का शौक था। उनके दादा एक सेवानिवृत्त सैनिक थे, जिन्होंने उन्हें आजादी की लड़ाई के किस्से सुनाए और भारत माता की सेवा के महत्व को समझाया। अर्जुन के दिल में बचपन से ही देशभक्ति की भावना ने जन्म लिया।गाँव के खुले मैदानों में दौड़ते-भागते हुए, अर्जुन अक्सर खुद को एक सैनिक के रूप में कल्पना करता। उसकी एक ही तमन्ना थी—देश की सेवा करना। स्कूल की पढ़ाई के बाद, जब अन्य बच्चे अलग-अलग पेशों की ओर बढ़ने लगे, अर्जुन ने सेना