गाँव के किनारे पर बसा हुआ एक छोटा सा खेत था, जहाँ बहुत सारे पेड़-पौधे लगे हुए थे। हर तरह के फलों और सब्जियों के पेड़ थे, लेकिन उन सबमें एक पेड़ सबसे अलग था—बांस का पेड़। यह पेड़ इतना ऊँचा और सुदृढ़ था कि लोग इसे गाँव का रक्षक मानते थे। उसकी लंबी, लचीली टहनियाँ हवा में हिलती रहतीं, जैसे आसमान को छूने की कोशिश कर रही हों। यह पेड़ वर्षों से गाँव का हिस्सा था और गाँव वालों की कहानियों का अभिन्न हिस्सा बन चुका था।बांस के पेड़ के नीचे अक्सर गाँव के लोग आकर बैठते, कुछ आराम