सृष्टि के अन्य जीवों की भांति ही इंसान भी बारिश, तूफ़ान जैसी प्राकृतिक अवस्थाओं से ख़ुद को सुरक्षित रखने के लिए कोई न कोई ऐसी पनाह..ऐसा घर..ऐसा नीड़ चाहता है जहाँ निजता के साथ रहते हुए वह अपनों का अपनापन महसूस कर सके। रिश्तों के स्थायित्व से भरा एक ऐसा घरौंदा जहाँ वह स्वतंत्रता से विचर सके..अपने मन की कह और अपनों की सुन सके। हर इंसान अपनी रुचि, ख्वाहिश एवं हैसियत के हिसाब से अपने सपनों का घर..अपनी ख़्वाबगाह का निर्माण करता है। ख़ास कर के स्त्रियाँ एक ऐसा घर..ऐसी ख़्वाबगाह चाहती हैं जिसे वे अपनी रुचि के अनुसार सुरुचिपूर्ण