नक़ल या अक्ल - 74

  • 801
  • 309

74 पेपर चोरी   डॉक्टर अभी उन्हें कुछ कहना ही चाहता है कि तभी किशोर बोल  पड़ा, “हम अपनी माँ को शहर के अस्तपताल  लेकर जा रहें I”   उसकी ज़रूरत  नहीं पड़ेगी I   “क्यों सरला ठीक है?”  लक्ष्मण प्रसाद ने उत्साहित होकर कहा I   डॉक्टर की नज़रें नीची  हो गई I “आपकी पत्नी अब इस दुनिया में नहीं रही I” यह कहकर डॉक्टर तो चला गया पर वे दोनों जड़ बने वहीँ खड़े रहें, फिर किशोर भागता हुआ अंदर गया और अपनी मुर्दा माँ के सीने से लगकर  ज़ोर-ज़ोर से रोने लग गया I लक्ष्मण प्रसाद खुद