नक़ल या अक्ल - 57

57 बरबाद   कुछ सेकण्ड्स तक निहाल रिमझिम को देखता रहा, तो वह मुस्कुराते  हुए बोली, “ऐसे क्यों देख  रहें हो?” “तुम्हारे मन में क्या चल रहा है, रिमझिम?” “कुछ  तो चल ही रहा है, नन्हेंI” उनको इस तरह बात  करते सोना ने भी देख लिया और कहीं  न कहीं उसे बुरा  भी लगा कि  नन्हें उसे अनदेखा कर रिमझिम से कुछ ज़्यादा  ही बतिया  रहा है पर उन दोनों की बातचीत अब भी ज़ारी है,   “बताओ न रिमझिम” नन्हें ने उससे ज़ोर देकर कहा, अब इससे पहले वो कुछ बताती उसे कुछ काम  याद आ गया और वो