होली के रंग में रंगी प्रेम की दास्तान

  • 945
  • 342

रामनलाल का जीवन एक संगीत प्रेमी का जीवन था, जो अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद गहरे अकेलेपन से जूझ रहा था। संगीत उनके लिए केवल एक रुचि नहीं, बल्कि उनके मन की शांति का माध्यम बन गया था। वह अक्सर अपने गमों को भुलाने के लिए रागों में खो जाते थे। उसी दौरान, इंशा से उनकी मुलाकात हुई, जो अपने समय की प्रसिद्ध तवायफ थी और अपनी ठुमरी गायकी के लिए विख्यात थी। इंशा की अद्भुत गायन कला ने रामनलाल के हृदय को छू लिया और उन्हें जीवन के उस खालीपन में एक नया सहारा मिला।हवेली का सौंदर्यकहानी का