भाग 1: घड़ी का परिचयएक छोटे से पहाड़ी गांव में, जहां सूरज हर सुबह अपनी सुनहरी किरणों से धरती को आलिंगन करता और पक्षियों का संगीत पूरे गांव को जागृत करता था, एक बूढ़ा घड़ीसाज़ रहता था। उसका नाम हरिओम था। हरिओम की एक खासियत थी — वो घड़ियों की मरम्मत करने में माहिर था। उसकी दुकान गांव के किनारे स्थित थी, जहां छोटी-बड़ी घड़ियां ठीक करवाने के लिए लोग आते थे। उसकी दुकान के दरवाज़े पर एक पुरानी घड़ी टंगी हुई थी, जिसे लोग 'टूटी घड़ी' के नाम से जानते थे।हरिओम के जीवन की सबसे बड़ी गुत्थी वही टूटी