अधूरे जंगल के रहस्य_भाग-४

 जंगल की अनकही सच्चाईगुफा के ध्वस्त होने के बाद सब कुछ शांत हो गया। चारों ओर एक अजीब सा सन्नाटा फैल गया था। अरुण, मोहित, और निधि के लिए सब कुछ काला हो चुका था। जब उन्होंने होश में आने की कोशिश की, तो उन्हें अपने शरीर पर एक भारीपन महसूस हुआ, मानो वे किसी भारी चीज के नीचे दबे हों। अरुण ने सबसे पहले अपनी आँखें खोलीं। उसने पाया कि वे तीनों गुफा के मलबे के नीचे दबे हुए नहीं थे, बल्कि किसी और जगह पर थे। चारों ओर अंधकार था, लेकिन इस बार यह अंधकार किसी कुएँ या गुफा