स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एव हिंदी साहित्य के पुरोद्धा पण्डित रामनरेश त्रिपाठी

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 भाषा के पूर्व छायावाद युग  उपन्यासकार ,कहानीकार, कविता ,जीवनी, संस्मरण साहित्य कि लगभग सभी विधाओं पर अपनी लेखनी चलाने वाले विद्वान सन्त विचारक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पण्डित रामनरेश त्रिपाठी जी द्वारा लगभग सौ पुस्तके लिखी गई है ।समाज राष्ट्र हिंदी साहित्य में अविस्मरणीय योगदान देने वाले पण्डित राम नरेश त्रिपाठी जी का जीवन संघर्षों एव उतार चढ़ाव से भरा हुआ था बचपन से लेकर मृत्यु तक पिता से वैचारिक मतभेद से राजपुताना परिवार के मध्य प्रवास तक पण्डित जी का जीवन वर्तमान पीढ़ी विशेषकर हिंदी साहित्यप्रेमी एव साहित्यकारों को साहस शक्ति ऊर्जा प्रदान करते हुए जीवन उद्देश्यों के प्रति विश्वास