दोपहर दो बजे अम्बिका का फोन आया "आंटी चिक्की नहीं रही""क्या कैसे हुआ" लगभग चिल्लाते हुए मैने पूछा"आंटी,किसी कार वाले ने मार दिया""हाय राम "कहकर मैने फोन रखा और रोने लगी कि मैं इसलिए उसे छोड़कर आना नहीं चाहती थी ,पर इमर्जेसी में जाना पड़ा।इसके पहले बेटा भी साथ चलने को कह रहा था ,पर मैने बाद के लिए टाल दिया था।मैं काफी समय से अम्बिका से कह रही थी कि उसे कोई एडाप्ट करने वाला हो तो बताओ।उसने कहा आप फोटो भेज दीजिए मैं ग्रुप में ड़ाल देती हूँ।पर कोई इंडियन ब्रीड नहीं लेता।"इसके बाद मैने कई एनिमल शेल्टर में