इस भाग को समझने के लिए इसके पहले से प्रकाशित सभी भाग अवश्य पढ़ें --------------------------चित्रलेखा राजकुमार को अपनी अंगूठी देकर चुड़ैल रानी के जल महल की ओर चली गयी । राजकुमार अंगूठी की ओर देख रहा था और उसके हरे रंग में बदलने का इंतजार कर रहा था । लगभग एक घंटे बीत गए , लेकिन अंगूठी के नग का रंग नही बदला । राजकुमार काफी परेशान हो उठा । उसके मन मे तरह तरह के विचार उठने लगे । चुड़ैल रानी महायोगिनी ने चित्रलेखा की बात मानी होगी या नही , या फिर चित्रलेखा को कैद कर लिया । यही सब