इस भाग को समझने के लिए इसके पहले से प्रकाशित सभी भाग अवश्य पढ़ें ....................पत्थर की दुनिया को धूमकेतू से मुक्त करके राजकुमार तिलिस्म के दूसरे द्वार के अंदर पहुँच गया । जंहा पर ग्यारह चुड़ैलों का राज था । राजकुमार जंहा पर प्रकट हुया था वह जगह एकदम सुनसान थी । दूर दूर तक केवल अंधेरा ही नजर आ रहा था ।राजकुमार ने अपनी जादुई शक्ति से उस जगह पर रोशनी किया । तो उसे अपने सामने एक खंडहर नजर आने लगा । राजकुमार सावधान की मुद्रा में उस खंडहर की ओर बढ़ने लगा ।राजकुमार जैसे जैसे उस खण्डहर