नाम मे क्या रखा है

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मैं, सविता वर्मा, अब तक अपनी जिंदगी के साठ सावन देख चुकी थी। इस दौरान जिंदगी में जहां कई खुशियों की दस्तक हुई तो कुछ गम भी आए, पूरे सफर के दौरान हंसी भी और कभी कभी रोई भी पर पिछले दिनों से जब अचानक पेट में दर्द रहने लगा तो मेरा बेटा मुझे शहर के सबसे बडे अस्पताल ले गया जहाँ कुछ टैस्टों के दौरान पता चला मेरे पेट में पानी भर चुका है जिसके लिए फौरन आप्रेशन करवाना पडेगा। आप्रेशन का नाम सुनते ही मैं बुरी तरह से घबरा गई। मेरा बेटा, बहू यहां तक की नन्ही पोती