स्वयंवधू - 17

  • 1k
  • 372

डांसिंग स्टूडियो के पार्किंग स्थल पर-अब मैं अरबपति, वृषा बिजलानी के ठीक बगल में चल रही थी तब मुझे हमारे बीच कि वास्तविकता का अहसास फिर से हुआ। मैं कितना भी कमाने की कोशिश कर लूँ, मैं उस स्थान तक कभी नहीं पहुँच सकती जहाँ, वे थे।तभी कोई आदमी काले सूट में वृषा के पास आया और खुसफुसाया। मैं बस 'कायल' और 'ज़रूरत' ही समझ पाई। वृषा हड़बड़ी में गए और एक आदमी को मुझे सबके पास ले जाने को कहा और जल्दी-जल्दी में निकल गए।उसने मुझसे अपने पीछे आने को कहा। मैं उसके पीछे-पीछे चल रही थी। वह मुझे