इस भाग को समझने के लिए इसके पहले से प्रकाशित सभी भाग अवश्य पढ़ें ....................... ️️️️️️️राजकुमार की सभी इन्द्रियाँ सचेत हो उठी । उसे लगा कि मानो खतरा उसके सर पर है ।" बचाओ........ बचाओ.......राजकुमार ....तांत्रिक कपाली .….ई..….ई....ई......" राजकुमार के कानों में गंधर्व नीले गिद्ध की घबराई हुई आवाज सुनाई दी और अंत मे ऐसा लगा मानो किसी ने उसका गला दबा दिया हो , जिससे गंधर्व नीले गिद्ध की आवाज घरघरा कर रह गई थी ।राजकुमार ने अपनी तलवार म्यान से निकाली और चारो तरफ सतर्क नजरो से देखा । उसे कुछ भी नही दिखाई दिया।न अदृश्य पक्षी ,