शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 15

  • 930
  • 378

"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( Part -15)भावुक व्यक्ति अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए निजी व्यक्ति से बात करने को उत्सुक होता है, लेकिन वह अपनी भावनाएं जल्दी व्यक्त नहीं कर पाता।जब पिता के पास दूर रहने वाली बेटी का फोन या मैसेज आता है तो पिता बेटी से बात करने के लिए उत्सुक हो जाते हैं।सूरज उगने से पहले अपनी महिमा बढ़ाओ,ऐ बेटी,मैं कितना भी दूर रहूँ, तेरा प्यार ही मेरे लिए काफी है, ऐ बेटी।- अज्ञातरूपा ने मुस्कुराते हुए कहा:-" सवाल बहुत पूछते हो। तेरी आदत जा नहीं रही है। कॉलेज के दिनों में भी