56 धोखा अब उसके बापू ने किशोर को घूरते हुए कहा, “तू बता रहा है सच या मैं बताओ?” उसने कोई ज़वाब नहीं दिया, फिर लक्ष्मण दास खुद ही बोल पड़े, “ठीक है, अगर तू नहीं बता रहा तो मैं बता देता हूँ।“ अब उन्होंने सबको देखते हुए कहा, “बैंक में दो लाख साठ हज़ार रुपए थें, इसने मेरे हस्ताक्षर किये और रुपए निकाल लिए। फिर कुछ घंटो बाद, यह फिर वही रुपए जमा कराने आ गया। अब उन दो लाख में से कुछ इसकी शादी और खेतों के लिए पाइप खरीदने में खर्च हो गए। अब पूछे