नक़ल या अक्ल - 53

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53 डर       हरीश से मिलकर लौटते वक्त मधु अपनी सहेली उषा से मिली, उसने उसको सारी बात बताईI  उषा ने उसे डाँटते  हुए कहा,   तुझे कितनी बार समझाया था कि  उसके साथ कोई रिश्ता मत रख, वह उजड़, बेकार और जाहिल  इंसान कभी तेरे प्यार के लायक नहीं थाI   ऐसे मत बोल, यार !!! तुझे पता है कि  मैं और वो एक दूसरे से कितना प्यार करते हैंI   “यही तो तू  गलती  कर रहीं है, वो एक नंबर का धोखेबाज़ है,  इतना ही प्यार था तो तुझे छोड़कर क्यों  भागा  था. मुझे पता है,