अनन्या के मुँह से ऐसी अश्लील बातें सुनकर दिग्विजय के माता पिता, भानु प्रताप और परम्परा ने अपने कान बंद कर लिए। परम्परा ने दुखी होते कहा, "यह तो बहुत ही बेशर्म लड़की है, इसे बड़े छोटों का तो कोई लिहाज ही नहीं है। इसे हवेली में बुलाकर हमने बहुत बड़ी भूल करी है।" तब यशोधरा ने परम्परा को समझाते हुए कहा, "जाने दो अम्मा इसके जैसी नीच लड़कियाँ क्या जाने अग्नि के फेरों के समक्ष हुए पवित्र बंधन को। आज यहाँ तो कल कहीं और किसी का बिस्तर गर्म करेगी। दया तो मुझे मेरे इस पति पर आती है